नई दिल्ली, LPG Subsidy | केंद्र सरकार की ओर से गाँव देहात क्षेत्रों में चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिलाओ के लिए उज्जवला योजना शुरू की गई थी. जिसके तहत इन गरीब महिलाओ को मुफ्त में गैस चूल्हा और गैस सिलेंडर दिए गए थे. वही इन गैस सिलेंडर और अन्य उपभोक्ताओं के खातों में सब्सिडी की रकम भी भेजी जाती है, लेकिन अब सरकार ने एक नया नियम लागू किया है जिसमे सरकार ने एलपीजी गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को सीमित कर दिया गया है.
बता दें सब्सिडी ले रहे लाखों उपभोक्ताओं को अब बाजार मूल्य का भुगतान करना होगा. वही उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त कनेक्शन पाने वाली करीब 9 करोड़ महिलाओ और अन्य लाभार्थियों को ही अब सब्सिडी मिलेगी. तेल सचिव पंकज जैन ने एक बयान में कहा कि जून 2020 से रसोई गैस पर कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है, सरकार की ओर से केवल वही सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 21 मार्च को की गई थी. कोरोना के बाद से उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं दी गई. उस दौरान केवल उज्ज्वला लाभार्थियों को ही सब्सिडी दी गयी.
वही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए बताया था कि पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल पर 6 रुपये की कमी की गई है. साथ ही उन्होंने यह भी एलान किया कि उज्ज्वला के लाभार्थियों को एक साल में 12 सिलेंडरों पर हर महीने 200 रूपये की सब्सिडी दी जायेगी. जो कि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी. वही उनके सिलेंडर की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर होगी. जबकि अन्य लोगो के लिए एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,003 रुपये है. वही सरकार को उज्ज्वला योजना के तहत दी जाने वाली इस 200 रूपये की सब्सिडी पर 6,100 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.
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