नई दिल्ली | प्रदूषण के बीच दिल्ली में मिनी लॉकडाउन लगाया गया है. प्राथमिक विद्यालय को बंद करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही दिल्ली सरकार के दफ्तरों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम किया गया है. यह जानकारी दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने दी. इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के सीएम ने कहा कि हम दिल्ली में प्राथमिक स्कूल, प्राथमिक कक्षाएं तब तक बंद कर रहे हैं जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता.
सीएम ने कहा कि राजधानी में ऑड-ईवन का विचार चल रहा है. सीएम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि दिल्ली में कोई भी बच्चा पीड़ित न हो, चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़ा हो या उसके जीवन से जुड़ा हो. दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों की बाहरी गतिविधियों पर भी रोक लगाई जा सकती है.
बच्चों के लिए परेशानी
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बच्चों को सुबह जल्दी घर से निकलना पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि यह हवा बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है, बाहर जाने से बचना बेहद जरूरी है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी स्कूल को बंद करने की सिफारिश की थी. वहीं कई अभिभावकों का यह भी कहना है कि ऐसे में सरकार को स्कूल बंद करने के बारे में सोचना चाहिए.
दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन ने भी की मांग
दिल्ली अभिभावक संघ ने तब तक सभी स्कूलों को बंद रखने की मांग की थी. एसोसिएशन ने कहा कि प्रदूषण का स्तर कम होने तक स्कूलों को बंद रखा जाए. एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि जो बच्चे अस्थमा या एलर्जी के मरीज हैं उन्हें इस समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्वस्थ बच्चों में भी लक्षण दिख रहे हैं, इसलिए कुछ दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए जाएं। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा सकती हैं.
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