ITR New Rules: आयकर विभाग ने बदले नियम, अब ITR फाइल करने से पहले देनी होंगी ये 9 जानकारियां

नई दिल्ली, ITR New Rules | जो लोग इनकम टैक्स (ITR File) के दायरे में आते है उनके लिए ये खबर काम की साबित हो सकती है. दरअसल, आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से इनकम टैक्स (Income Tax) भरने के नियमों में बदलाव किया गया है. जिसके अंतर्गत अब आईटीआर फाइल करने से पहले हर शख्‍स को कुछ जानकारियां देनी होगी. जिसके बाद ही उसका इनकम टैक्स रिटर्न भरा जायेगा.

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बता दें इनकम टैक्‍स ड‍िपार्टमेंट की तरफ से फाइनेंश‍ियल ईयर 2021-22 (Assesment Year 2022-23) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फॉर्म जारी कर दिए गए हैं, परंतु इससे पहले इनकम टैक्स रिटर्न के दायरे में आने वाले लोगो को IT टैक्स फाइल करने से पहले कुछ नियमो का पालन करना होगा. हालांकि इन नियमो में ज्यादा कुछ बदलाव नह किया गया है. केवल कुछ चीज़े ही बदली है. आइये जान लेते है इन बदलावों के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी :-

1. PF अकाउंट पर ब्याज

यदि आपके पीएफ अकाउंट में हर साल ढाई लाख रुपये से ज्यादा जमा होते है तो एक्स्ट्रा रकम पर मिलने वाली ब्याज पर आपको टैक्स देना होगा. जिसकी जानकारी आपको अपने आईटीआर फॉर्म दर्ज करनी होगी.

2. प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की जानकारी

जिन लोगो ने 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच कोई प्रॉपर्टी खरीदी या बेचीं है तो उनको तारीख समेत इसकी पूरी जानकारी देनी होगी. यानि आईटीआर फॉर्म में आपको Capital Gains के अंतर्गत खरीदने और बेचने की डेट लिखनी होगी.

3. मकान के रिनोवेशन की हर साल की डिटेल

इसके साथ ही यदि आपने अपने मकान में कोई मरम्मत यानि रेनोवेशन भी कराया है तो इसकी भी पूरी जानकारी आपको साल दर साल के हिसाब से देनी होगी. रेनोवेशन में खर्च हुई लागत को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन निकालने के लिए बिक्री की कीमत में से घटाना होगा.

4. प्रॉपर्टी की असली कीमत की जानकारी

वर्तमान में आपको कैपिटल गेन्स के बारे में जानकारी देते समय केवल इंडेक्स कॉस्ट ही बतानी जरूरी होती थी, परंतु अब आपको इंडेक्स कॉस्ट के साथ प्रॉपर्टी की असली कीमत यानि मार्केट रेट भी बताना होगा.

5. रेसिडेंशियल स्टेटस जरूरी

आईटीआर फाइल करने वालों को अब से रेसिडेंशियल स्टेटस की भी जानकारी देना जरूरी होगा. रेसिडेंशियल स्टेटस का ऑप्शन आपको आईटीआर-2 या आईटीआर-3 फॉर्म में मिलेगा यहां आपको फॉर्म भरते समय इस विकल्प को चुनना होगा. इसके साथ ही आपको यह भी बताना होगा कि आप भारत में कब से रह रहे हैं.

6. ESOP पर टैक्स टालने की डिटेल

अब से आईटीआर फाइल करते समय कर्मचारी को ESOP पर टैक्स टालने की भी सम्पूर्ण जानकारी देनी होगी. मालूम हो साल 2020 के बजट में इस बात का ऐलान किया गया था क‍ि किसी स्टार्टअप के कर्मचारी ईएसओपी पर टैक्स देना टाल सकते हैं.

7. विदेश में प्रॉपर्टी और इनकम की जानकारी

अब इनकम टैक्स फाइल करते समय आपको यदि आपकी विदेश में प्रॉपर्टी और इनकम है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी. यानि विदेश में मौजूद क‍िसी संपत्‍त‍ि से डिविडेंड या ब्याज के रूप में कमाई हुई है तो आईटीआर भरते समय इस बारे में जानकारी देनी जरूरी है. इसके लिए फॉर्म-2 और फॉर्म -3 का इस्तेमाल होगा.

8. देश के बाहर बेचीं गई प्रॉपर्टी की डिटेल

यदि आपने अपने देश के बाहर कोई प्रॉपर्टी बेचीं है तो अब आपको इनकम टैक्स देते समय इस बात की भी जानकारी देनी होगी. इसमें खरीदार और प्रॉपर्टी के एड्रेस की जानकारी शामिल होगी.

9. पेंशनर्स को बतानी होगी पेंशन की सोर्स

अब से आईटीआर फाइल करते समय पेंशनर्स को अपनी पेंशन की सोर्स के बारे में भी जानकारी देनी होगी. इसके लिए पेंशनर्स को Nature of Employment ड्रॉप-डाउन मेन्यू में दिए गए ऑप्शन में से किसी एक को सलेक्ट करना होगा. यद‍ि केंद्र सरकार के पेंशनर हैं तो Pensioners-CG, राज्य सरकार के है तो Pensioners – SC, और यद‍ि पब्लिक सेक्टर की कंपनी के पेंशनर हैं तो Pensioners-PSU का चुनाव करना होगा.

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