बहादुरगढ़ | कहा जाता है इंसान की जिद उसे कुछ भी करने पर मजबूर कर देती है. ऐसा ही कुछ हरियाणा के बहादुरगढ़ की रिंकी न कर दिखाया है. रिंकी 12 लाख रूपये सालाना पैकेज को छोड़कर अब करीब 20 लोगो को अपने दम पर रोजगार उपलब्ध करा रही है. दरअसल, शहर के मोहन नगर की रहने वाली रिंकी ने कुछ साल पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. और उसी वक़्त से रिंकी का सपना था कि वो खुद एलईडी लाइट बनाये. जिस सपने को आज रिंकी ने हकीकत में बदल दिया.
बता दें बहादुरगढ़ की रहने वाली रिंकी की इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद एक कंपनी में सालाना 12 लाख रूपये के पैकेज पर नौकरी लगी. लेकिन रिंकी ने सपना देखा था कि वो खुद एलईडी लाइट बनाये. जो रिंकी कर दिखाया. शुरुआत में रिंकी ने दो-तीन कर्मचारियों के साथ ही फैक्ट्री लगाकर खुद लाइट असेंबल करवाई. आज ये लड़की करीब 20 लोगो को रोजगार दे रही है. और अपने घर का पूरा खर्च भी चला रही है. बताया जा रहा है रिंकी की फैक्ट्री में बन रहे ये एलईडी बल्ब बड़ी-बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ रहे है. रिंकी की फैक्ट्री में घरेलू व औद्योगिक दोनों प्रकार के एलईडी बल्बों का निर्माण होता है.
रिंकी ने बताया उन्होंने करीब पांच साल पहले करीब 10 लाख रूपये की लागत से नांगलोई में ये कारोबार शुरू किया था. अब यह बिजनेस करीब दो करोड़ रूपये के टर्न ओवर पर पहुंच गया है. रिंकी ने आगे बताया कि फैक्ट्री में उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक का सारा काम वो खुद की देखती है. रिंकी ने मुरथल यूनिवर्सिटी से इलैक्ट्राेनिक्स में बीटेक किया है. तभी से रिंकी लाइटिंग इंडस्ट्री में अपना नाम कमाना चाहती थी.
रिंकी ने गलिट-अप के नाम से अपनी लाइट को रजिस्टर्ड कराया. इसके बाद उन्होंने मानेसर, कुंडली, राई, बहादुरगढ़ समेत कई क्षेत्रों में एलईडी लाइट की बिक्री की मांग की. इसके बाद देखते ही देखते रिंकी की बनाई एलईडी लाइटों की डिमांड बढ़ने लगी. रिंकी के पति मुनीष कुमार मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करते है. वही कानफेडरेशन आफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्री के प्रधान प्रवीण गर्ग ने बताया कि रिंकी हमारी एसोसिएशन की सदस्य है. और इसी की वजह से उन्हें काफी काबिलियत भी मिल रही है. आज रिंकी आने वाली पीढ़ियों और लाखों -करोडो महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है.
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