महेंद्रगढ़ की बेटी अंजू बनी सबसे कम उम्र की सरपंच, प्रदेश के लिए बनी मिसाल

महेंद्रगढ़ | हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खुडाना गांव की अंजू प्रदेश की सबसे कम उम्र की सरपंच बन गई हैं. 10 हजार की आबादी वाले खुडाना गांव के ग्रामीणों ने गांव के चौधर का ताज 21 साल एक माह 18 दिन की बेटी अंजू को सौंप दिया है. पहले फतेहाबाद निवासी शिवानी पाठक 21 साल, दो महीने और दो दिन की उम्र में सरपंच बनी थी, लेकिन अंजू ने कम उम्र में ही सरपंच बनकर इतिहास रच दिया. इसके अलावा, गांव खुडाना में बेटी पहली बार सरपंच बनी है.

Anju Khudana Sarpanch

अंजू ने बताया वर्तमान में मैं बीएएमएस प्रथम वर्ष का छात्र हूं. नरेश सिंह तंवर की बेटी अंजू ने अपनी प्रतिद्वंद्वी महिला उम्मीदवार को 244 मतों से हराया. क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले के सबसे बड़े गांव खुडाना से अलग होकर पिछली चार शताब्दियों में 28 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आई हैं. 20 किमी के दायरे में फैला 6700 मतदाताओं और 10 हजार की आबादी वाला यह गांव राजनीतिक दृष्टि से भी जिले में खास पहचान रखता है. यह गांव प्राचीन काल से जिले में एक विशेष स्थान रखता है. तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा यह गांव हर विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाता है.

पिता बोले- बेटियों के लिए मिसाल बनेंगी अंजू

अंजू के पिता डॉ. नरेश ने बताया कि बेटियों ने समय-समय पर अपनी प्रतिभा के दम पर जिले को गौरवान्वित किया है. वह ग्रामीणों द्वारा दिए गए सम्मान और सम्मान के ऋणी रहेंगे. बेटी को गांव का सरपंच बनाना अब प्रदेश की बेटियों के लिए मिसाल बनेगा. ग्रामीणों द्वारा व्यक्त किए गए विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास किया जाएगा.

वर्तमान में गांव की आबादी के अनुसार मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. सबसे बड़ी समस्या पेयजल, साफ-सफाई, कच्ची गलियां, सीवरेज की कमी, खराब स्वास्थ्य सेवाएं, दूषित पानी की निकासी न होना आदि हैं. वहीं खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है. बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद आदि पर कार्य योजनाबद्ध तरीके से प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा. गांव के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को साथ लेकर चलने का लक्ष्य होगा. गांव की तस्वीर बदलकर ग्रामीणों का यह कर्ज लेने का प्रयास किया जाएगा- अंजू, ग्राम खुडाना की सरपंच

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