गैजेट डेस्क | फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां कि अब बड़े बड़े मामले सामने आ रहे हैं. इसमें कस्टमर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. और ना ही उसे किसी प्रकार का सहयोग या मदद यह कंपनी दे रही है. और ई कॉमर्स को सावधान करने के लिए नए प्रावधान भी लाए गए हैं.
जारी हुआ ऑनलाइन कंपनियों के लिए जानकारी देना
ई-कॉमर्स पोर्टल पर बेचे जाने वाले प्रोडक्ट पर अगर बनाने वाले देश का नाम नहीं है तो इस प्रोडक्ट का जिम्मेवार खुद कम्पनी खुद होगी. यह टिप्पणी हैदराबाद के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने एक फैसले के दौरान की है.
आयोग ने कहा कि ई-कॉमर्स नियम के तहत कंपनियों को प्रोडक्ट के मूल देश के बारे में जानकारी ग्राहक को देनी जरूरी है. यह कॉमर्स मार्केटप्लेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह जरूरी जानकारी ग्राहकों को दिखाई जाए ताकि वे सही विकल्प को चुन सकें.
कस्टमर को दिया गया ₹15000
आयोग ने आगे कहा कि ई-कॉमर्स नियमों का उल्लंघन होता है तो ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत फोरन कंपनियों को जुर्माना देना पड़ेगा. इस मामले में कंजूमर फोरम ने ई कॉमर्स कंपनी पेटीएम और मार्केटप्लेस और यूनी वन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड विक्रेता पर एक शिकायत में कार्रवाई करते हुए ₹15000 का जुर्माना लगाया है. मामले में शिकायतकर्ता आकाश कुमार को यह मुआवजा दिया गया है.
आकाश कुमार ने अगस्त 2020 में पेटीएम के जरिए से ₹13420 में एक उषा सिलाई मशीन खरीदी थी. उन्हें जब यह मशीन मिली तो पता चला कि मशीन थाईलैंड में बनी है. कंपनी ने ई-कॉमर्स नियम 2022 के नियम के तहत अनिवार्य रूप से साइट पर मूल देश को नहीं दिखाया था. चुकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी. शिकायतकर्ता ने मान लिया था कि उत्पाद भारत में बनाया गया होगा. आकाश ने कहा कि अगर ऑनलाइन पोर्टल पर मूल देश का नाम लिखा होता तो, वह सिलाई मशीन नहीं खरीदाता.
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