ज्योतिष | वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे धीमा ग्रह माना गया है. शनि एक गोचर करने में करीब ढाई साल का समय लेता है. शनि को राजनीति, खनिज, गुप्तविद्या तेल आदि कारण माना गया है. कहते हैं कि शनि की कृपा के बिना कोई भी जातक उच्च पद हासिल नहीं कर सकता है. शनि 27 जनवरी 2023 को अपनी राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. शनि के कुंभ राशि में जाने से कई राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी व कुछ राशियों पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती.
इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव
शनि वर्तमान में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि के मकर राशि में होने से मिथुन व तुला राशि के जातकों पर ढैय्या जबकि कुंभ धनु और मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. 17 जनवरी को शनि की कुंभ राशि में आने से मिथुन व तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी. शनि राशि वालों से शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी.
इन राशियों पर हो शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या
17 जनवरी 2023 को कर्क वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी. इसके अलावा, मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण कुंभ राशि वालों पर दूसरा चरण में मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी.
शनि की साढ़ेसाती से बचाव के उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते है. हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष से मुक्त मिलती है. शनि मंत्र का जाप करने से लाभ होता है. शनिवार के दिन शनिदेव से जुड़ी चीजों का दान करना लाभकारी साबित होता है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
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