टेक डेस्क | गर्मियों अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. इसके साथ ही अब बाजारों में एसी, कूलर की डिमांड भी बढ़ जाएगी. यदि आप भी इस गर्मी नया एसी लेने का प्लान बना रहे है तो ये खबर आपके काम की है. अधिकतर लोग AC (Air Conditioner) लेने से पहले इस बात के असमंजस में रहते है कि एसी इन्वर्टर लें या नॉन इन्वर्टर. क्यूंकि बहुत लोग इन दोनों के बीच का अंतर भी जानते है. जिसकी वजह से वो इस बात से कन्फ्यूज हो जाते है. तो आज हम आपके इसी के बीच का अंतर बताने जा रहे है.
इन्वर्टर vs नॉन-इन्वर्टर AC में अंतर
इन दोनों ऐसी के बीच काफी अंतर पाया जाता है. जिनमे सबसे बड़ा अंतर यह है कि ये कूलिंग और हीटिंग को मैनेज करने में कंप्रेसर ऑपरेट और सहायता करता है. इन्वर्टर एसी में खुद की ऑपरेटिंग कैपेसिटी में बदलाव करने का होता है, जबकि नॉन -इन्वर्टर एक तय केपिसिटी पर काम करते है. 1.5-टन का इन्वर्टर AC 0.3-टन और 1.5-टन के बीच काम कर सकता है, जबकि नॉन-इन्वर्टर AC हमेशा 1.5-टन पर काम करेगा.
इसके अलावा इन्वर्टर एसी टेंपरेचर को एक समान रखते है. वही नॉन इन्वर्टर का टेम्प्रेचर बदलता रहता है. इन्वर्टर एसी कम हानिकारक एमिशन छोड़ते है , जबकि नॉन इन्वर्टर एसी ज्यादा छोड़ते है. इन्वर्टर एसी नॉन इन्वर्टर ऐसी की तुलना में महंगे होते है. इन्वर्टर एसी नॉन इन्वर्टर एसी की तुलना में लंबे समय तक चलते है. क्यूंकि ऑपरेटिंग विधि की वजह से इसके कंप्रेशर काफी मजबूत होते है. इन्वर्टर एसी मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा तो नॉन इन्वर्टर में कम होती है.
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