चरखी दादरी, उड़नपरी दादी रामबाई | कहा जाता है उम्र महज एक संख्या होती है. किसी भी काम को करने के लिए एक जज्बा चाहिए होता है. कुछ ऐसा ही चमत्कार हरियाणा की चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी 105 वर्षीय रामबाई ने साबित कर दिखाया है. ‘उड़नपरी दादी’ के नाम से अब रामबाई को जाना जा रहा है. रामबाई ने 100 मीटर की राष्ट्रीय स्तर फर्राटा रेस प्रतियोगिता में एक नया रिकॉर्ड बना इतिहास रच दिया. उम्र के इस पड़ाव में इस बेहतरीन उपलब्धि के बाद हर कोई शख्स रामबाई की तारीफ कर रहा है.
बता दें रामबाई ने 100 मीटर की फर्राटा रेस 45.40 सेकंड में पूरी कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. राष्ट्रीय स्तर की यह एथलेटिक्स प्रतियोगिता पिछले दिनों गुजरात के वडोदरा में हुई थी. जहां 105 साल की रामबाई ने 100 मीटर दौड़ में नया नेशनल रिकॉर्ड कायम किया. इससे पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम था. जिसको रामबाई ने तोड़ दिया. वही ‘उड़नपरी दादी रामबाई’ की इस शानदार उपलब्धि पर हरियाणा सीएम मनोहर लाल खटटर ने बधाई दी.
पहले भी कई मेडल कर चुकी है नाम
105 साल की उम्र में रामबाई ने 100 मीटर की दौड़ को 45.40 सेकंड तथा 200 मीटर दौड़ को एक मिनट 52.17 सेकंड में पूरा करते हुए नेशनल रेकॉर्ड बना लिया. इसके बाद रामबाई का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. इस उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि सराहनीय है. बताया जा रहा है रामबाई इससे पहले भी कई मेडल अपने नाम कर चुकी है. रामबाई ने राष्ट्रिय स्तर की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल हासिल किये. इसके साथ ही नवंबर 2021 में हुई प्रतियोगिता में भी रामबाई 4 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी है. रामबाई के पास उनके पास पदकों का ढेर लगा है.
बेटा-बेटी भी जीत चुके है मेडल
रामबाई गाँव की सबसे बुजुर्ग महिला है. लोग उन्हें ‘उड़नपरी’ – परदादी कहकर बुलाते है. वही गाँव वालों ने बताया कि रामबाई खुद को फिट रखने के लिए रोज सुबह 5 – 6 किलोमीटर दौड़ लगाती है. रामबाई का जन्म जन्म 1 जनवरी, 1917 में गांव कादमा में हुआ था. रामबाई ने एक साल पहले ही दौड़ने की प्रेक्टिस शुरू की है. रमाबाई के अलावा उनका 70 साल का बेटा और 62 साल की बेटी भी रेस प्रतियोगिता में अपने नाम गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल कर गांव का नाम रोशन कर चुके है.
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