संकट के बीच पूरा होगा हरियाणा में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य, UP होगा मददगार

चंडीगढ़ | इस साल खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एक तरफ सूखे और दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण कई राज्यों में धान का उत्पादन प्रभावित हुआ है. हालांकि, हरियाणा में सूखा नहीं पड़ा लेकिन धान की बौनी बीमारी ने हरियाणा में धान की फसलों को काफी प्रभावित किया है.

Dhan Paddy Mandi

उदाहरण के लिए हरियाणा में इस खरीफ सीजन धान की फसल धान की बौनी बीमारी के साथ भारी बारिश से प्रभावित हुई है. इससे देश के प्रमुख धान उत्पादक राज्य हरियाणा में धान का उत्पादन कम रहने का अनुमान है. लेकिन, इस संकट के बावजूद हरियाणा में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य पूरा होने की संभावना है जिसमें उत्तर प्रदेश के मददगार होने की उम्मीद है.

हरियाणा में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है. उस दौरान सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था. लेकिन, इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई भारी बारिश ने धान की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसे देखते हुए इसके बाद भी हरियाणा में खरीद का लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है.

बारिश से खरीद में 20 फीसदी की कमी की उम्मीद

हरियाणा ने 1 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद शुरू की थी. जिसके तहत 55 लाख मीट्रिक टन धान का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसके बाद हुई भारी बारिश ने राज्य में 11 लाख एकड़ में फसल को प्रभावित किया है. दरअसल, राज्य में कुल 34 लाख एकड़ में धान की खेती होती है जिसमें से 11 लाख एकड़ फसल बारिश से क्षतिग्रस्त होने का अनुमान है. जिसके आधार पर माना जा रहा था कि खरीदारी भी लक्ष्य से 20 फीसदी कम होगी.

28 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीद

हरियाणा में अब तक एमएसपी पर 28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. HT ने एक रिपोर्ट में कृषि और किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह के हवाले से कहा कि पहले धान, बाजरा और कपास सहित सभी तीन प्रमुख खरीफ फसलों को भारी नुकसान की कुछ खबरें थीं. असर नहीं देखा उन्होंने आगे कहा कि लगभग 28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि 55 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो जाएगा.

UP के आने से लक्ष्य पूरा करेगा हरियाणा

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा यूपी से आमद के जरिए लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ रहा है. रिपोर्ट में कुरुक्षेत्र की लाडवा अनाज मंडी के एक एजेंट के हवाले से कहा गया है इस साल पैदावार उम्मीद से कम है. हमने अपने स्थानीय किसानों के मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल में अंतर को भरने के लिए यूपी के अपने किसानों की उपज को समायोजित किया है.

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